Tuesday, March 13, 2007

Pyar

किसी की जिन्दगी बसाना भी प्यार है,
और जिन्दगी भर बस ना पाना भी प्यार है.
किसी की आंखो मे खो जाना भी प्यार है,
किसी से नज़रे ना मिला पाना भी प्यार है.
हर कदम पर साथ निभाना भी प्यार है,
और चलते-चलते रुक जाना भी प्यार है.
किसी का बहुत याद आना भी प्यार है,
और किसी को हर पल भूलाना भी प्यार है.
लफ्ज़ों को जोड़ कर कविता बनाना भी प्यार है,
और लफ्जों का ना मिल पाना भी प्यार है.
कभी दिल की धड़कनो मे रम जाना भी प्यार है,
और इन धड़कनो का रुक जाना भी प्यार है.
ख्वाबो में दिल लगाना भी प्यार है,
और कभी नींद ही ना आना भी प्यार है.
किसी से घंटो बाते बनाना भी प्यार है,
किसी से कुछ कह ना पाना भी प्यार है.
ये प्यार आवाज़ भी है और खामोशी भी.
ये प्यार बेचैनी भी है और मदहोशी भी.
ये प्यार ज़न्नत से बड़ी आबादी भी है
और ज़हन्नुम से बड़ी बर्बादी भी.
ये प्यार ही तो है जो हम सब के दिलों को जोड़ता है, 
और उस पर्वर्तेगार का ज़स्बा हमारे दिलो में रोशन करता है.
वो प्यार ही तो है …………

आपका प्यारा

1 comment:

Anonymous said...

aye haye!!
kisi ki zindagi basana bhi pyar h.
aur zindagi bhar bas na pana bhi pyar hi h.
very nice!!
pyari si kavita :)